30 दिसंबर, 2010
नयी दिल्ली।
30 दिसंबर, 2010
गाजियाबाद/नई दिल्ली। बहुचर्चित आरुषि तलवार हत्याकांड मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को अपने हाथ खड़े करते हुए न्यायालय से इसे खत्म करने की अनुमति मांगी। सीबीआई के इस रुख पर आरुषि के माता पिता ने कहा कि जांच एजेंसी के इस कदम से उन्हें निराशा हुई है और उनका विश्वास उठ गया है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, "गाजियाबाद न्यायालय में सीबीआई ने मामले को खत्म करने के लिए रिपोर्ट दाखिल की है।"
उन्होंने कहा कि सर्दी की छुट्टियों के बाद तीन जनवरी को न्यायालय इस मामले पर सुनवाई करने के बाद नोटिस जारी करेगा।
ज्ञात हो कि आरुषि का 'वजाइनल स्वैब' बदले जाने की आशंका वाली सूचनाओं के बाद इस मामले की नए सिरे से जांच करने के लिए सीबीआई ने गत सितंबर में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। इसके बाद दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने आरुषि का मोबाइल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर कस्बे से बरामद किया।
उल्लेखनीय है कि दांत के डॉक्टर राजेश और नुपूर तलवार की पुत्री आरुषि तलवार की संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या 16 मई 2008 को उसके नोएडा स्थित जलवायु विहार के घर में कर दी गई। उसकी हत्या का शक घरेलू नौकर हेमराज पर जताया गया, लेकिन उसका शव अगले दिन तलवार के घर की छत से मिला।
मामले को बंद करने के लिए सीबीआई द्वारा बुधवार को न्यायालय में दाखिल अंतिम रिपोर्ट पर आरुषि के माता-पिता ने कहा कि जांच एजेंसी के इस कदम से वे 'टूट' गए हैं।
आरुषि की माता नुपूर तलवार ने कहा, "मुझे सीबीआई से काफी उम्मीदे थीं। अब हत्यारे आजादी के साथ घूमेंगे। आरुषि की माता होने के नाते मैं पूरी तरह से टूट चुकी हूं।"
उन्होंने कहा, "मैं देखूंगी कि हमारे पास विकल्प क्या हैं। मैं रोजाना आरुषि से वादा करती हूं कि मैं उसे न्याय दिलाऊंगी।"
आरुषि के पिता राजेश तलवार ने जांच एजेंसी के इस कदम पर निराशा जताते हुए कहा कि वे सीबीआई से डीएनए जांच कराने की मांग कर रहे हैं, ताकि संभावित हत्यारों के बारे में कुछ जानकारी मिल सके।
तलवार ने कहा, "मैं सीबीआई से पिछले डेढ़ सालों से डीएनए जांच करने के लिए कह रहा हूं। इससे यह पता चल सकता है कि हादसे के समय मौके पर कौन मौजूद था। इस जांच को उन्हें करना चाहिए।"
सीबीआई द्वारा इस मामले को बंद करने के लिए न्यायालय से अनुमति मांगने पर तलवार दंपति के वकीलों ने कहा कि यह इस जांच एजेंसी की बहुत बड़ी असफलता है और सीबीआई पर से उसका विश्वास उठ गया है।
आरुषि के माता पिता राजेश और नुपूर तलवार के वकीलों में से एक पिनाकी मिश्रा ने कहा, "सीबीआई की यह एक बड़ी नाकामी है। जांच एजेंसी से हमारा विश्वास डिग गया है।"
तलवार दंपति का नेतृत्व करने वाले एक अन्य वकील रेबिका जॉन ने कहा, "हम मामले को बंद करने की मांग करने वाली सीबीआई के रिपोर्ट की जांच करेंगे और यदि आवश्यकता हुई तो इसे चुनौती देंगे।"
आरुषि हत्याकांड की जांच से जुड़े एक फोरेंसिक विशेषज्ञ ने कहा कि इस हत्याकांड में सबूतों के साथ हुई छेड़छाड़ के चलते सीबीआई को इस मामले को बंद करने के लिए अंतिम रिपोर्ट दाखिल करनी पड़ी है।
'सेंटर फॉर द डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक' के निदेशक जे. गौरीशंकर ने टेलीविजन चैनल एनडीटीवी से कहा, "हमने पीड़ित के साथ यौन अपराध का पता करने के लिए उसके वजाइनल स्वैब की कुछ स्लाइडों को जांच के लिए भेजा था, लेकिन हमें पता चला कि ये स्लाइडें उसकी नहीं थीं।"
उन्होंने कहा, "वजाइनल स्वैब को बहुत सावधानी से बदल दिया गया। इस मामले में कोई है जिसकी वजह से सबूतों के साथ छेड़छाड़ किया गया।"
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